CHANDIGARH

ब्रहमज्ञान प्राप्त करने के बाद ही व्यवहार में आता बदलाव

चंडीगढ़, रूप नरेश: चंडीगढ़ जोन में महिला समागमों की लड़ी को शुरू करने के पीछे यही उद्देश्य है कि महिलायें जहाँ समाज में एक महत्वपूर्ण योगदान देती हैं वहाँ प्रभु भक्ति में भी इनका विशेष योगदान है।

निरंकारी मिशन में महिलाओं का योगदान किसी से छिपा नहीं है। यह उद्गार बहन मोनिका राजा जी ने सन्त निरंकारी सत्संग भवन सैक्टर-15 डी चंडीगढ़ में आयोजित महिला समागम में प्रकट किए।  

उन्होंने जगत माता बुदवंती जी, राजमाता कुलवंत कौर जी, माता सविन्द्र जी का उदाहरण देते हुए बताया कि उन्होंने अपने गृहस्थ जीवन की जिम्मेवारियाँ निभाते हुए भक्ति लहर में भी अपना विशेष योगदान दिया । इसी प्रकार वर्तमान में सतगुरु माता सुदीक्षा जी भी गृहस्थ जीवन के साथ साथ मानव मात्र का कल्याण भी कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि जिस प्रकार हम समाज में सेवाएं दे रहे है, वैसे ही सत्य का प्रचार भी करना है । इसके साथ साथ हमने अपने घरों को कैसे संवारना है, इस पर विशेष ध्यान देना है। क्योंकि हम दुनिया को, समाज को व आसपास को तभी संवार सकेंगे जब हमारा घर परिवार संवरा होगा।

हरदेव वाणी के शब्द “तू पूरन है तेरा सारा इन्तजाम भी पूरन है” का हवाला देते हुए कहा कि इस निरंकार प्रभु की सभी वयवस्थाएँ सम्पूर्ण हैं । बाबा हरदेव सिंह जी ने भी हमें निरंतर समझाया कि अगर रिश्तों में मजबूती होगी तो घर स्वर्ग बनेंगा। घर तभी स्वर्ग का स्वरूप बनता है जब समय के सत्गुरू से ब्रहमज्ञान प्राप्त होने के बाद हमारे स्वभाव व व्यवहार में तबदीली आ जाती है। जैसे जैसे जीवन में सत्संग, सेवा व सिमरन आता जाता है वैसे वैसे ही व्यवहार में भी परिवर्तन आने लग जाता है जिससे घर स्वर्ग का नक्शा बन जाता है।

चंडीगढ़ जोन के जोनल इंचार्ज ओ.पी. निरंकारी व एरिया 15 के मुखी महात्मा ने बहन मोनिका राजा का एवं सरबत साध संगत का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि घर व संगत में महिलाओं की अहम भूमिका है। महिलाओं के योगदान के कारण ही परिवार में भक्ति प्रवाह निर्विघ्न चलता है।

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