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“ना बहन रोए, ना बहू”

रिश्तों में मोहब्बत का दिया जलना चाहिए,

ना बहन रोए, ना बहू को तन्हा रहना चाहिए।

जिस घर में बेटियों को मिले ताज सा मान,

उस घर में बहुओं को भी मुकुट मिलना चाहिए।

रिश्तों में तराज़ू बराबर रहना चाहिए,

ना कोई भारी, ना कोई हल्का होना चाहिए।

जब मन बँटते हैं तो घर भी बिखर जाते हैं,

दिल से दिल की राह को जुड़ना चाहिए।

ना बहनों को ग़लत समझो, ना बहुओं को कम,

हर रिश्ते को अपना अपनापन देना चाहिए।

दिल अब कहे, नफ़रत की हवा रुक जाए,

 ‘सौरभ’ प्यार का दीप हमेशा जलना चाहिए।

– प्रियंका सौरभ

 

 

 

 

 

-प्रियंका सौरभ

रिसर्च स्कॉलर इन पोलिटिकल साइंस,

कवयित्री, स्वतंत्र पत्रकार एवं स्तंभकार,

उब्बा भवन, आर्यनगर, हिसार (हरियाणा)-127045

(मो.) 7015375570 (वार्ता+वाट्स एप)

facebook – https://www.facebook.com/PriyankaSaurabh20/

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