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अपनी धरोहर को जानें, दुनिया को दिखाएं: राज्य संग्रहालय में विश्व धरोहर सप्ताह के दौरान सांस्कृतिक, साहित्यिक और ज्ञान से भरपूर कार्यक्रम

मध्य प्रदेश की संस्कृति, कला और धरोहर न केवल हमारी पहचान हैं, बल्कि दुनिया भर में महत्वपूर्ण स्थान रखती हैं। इनका महत्व युवाओं से लेकर आम जनता तक फैलाने के लिए समय-समय पर विभिन्न पहल की जाती रही हैं। इसी प्रयास के तहत राज्य संग्रहालय, राजधानी में एक विशेष बहुआयामी कार्यक्रम श्रृंखला का आयोजन कर रहा है। इस आयोजन के माध्यम से हम अपनी धरोहर से जुड़ी अहम जानकारियाँ और विशिष्टताओं को लोगों तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे।

विश्व धरोहर सप्ताह – एक महत्वपूर्ण आयोजन
मध्य प्रदेश के भोपाल, ग्वालियर जबलपुर और इंदौर में 19 से 24 नवंबर तक आयोजित होने वाला ‘विश्व धरोहर सप्ताह’ भारतीय धरोहर के संरक्षण और प्रचार-प्रसार के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है। इस कार्यक्रम का उद्घाटन माननीय श्री धर्मेंद्र सिंह लोधी द्वारा किया जाएगा | विश्व धरोहर सप्ताह भोपाल के राज्य संग्रहालय, श्यामला हिल्स, ग्वालियर के गुजरी महल, जबलपुर के रानी दुर्गावती संग्रहालय, इंदौर के इंदौर संग्रहालय, एवं उज्जैन के त्रिवेणी संग्रहालय में स्थित होगी|

व्याख्यान – विरासत के अनमोल खजाने पर प्रकाश डालते हुए
विश्व धरोहर सप्ताह के पहले दिन, 19 नवंबर को एक विशेष व्याख्यान का आयोजन भी किया जाएगा। इस व्याख्यान का विषय होगा ‘विश्व विरासत’, जिसमें देश-विदेश की धरोहर से जुड़े महत्वपूर्ण पहलुओं पर चर्चा की जाएगी। पुरातत्व विशेषज्ञ डॉ. राजेंद्र यादव, उमाकांत पचौरी और डॉ. सीएस सक्सेना इस विषय पर अपने अनुभव और ज्ञान साझा करेंगे। यह व्याख्यान आम जनता के लिए खुला रहेगा और यहां उपस्थित लोग हमारी धरोहर के बारे में नई और रोचक जानकारी प्राप्त करेंगे।

आकर्षक कार्यक्रम और प्रतियोगिताएं
इस दौरान भारतीय प्राचीन स्मारकों पर आधारित छाया चित्र प्रदर्शनी, व्याख्यानमाला, चित्रकला प्रतियोगिता, एवं सांस्कृतिक लोक नृत्य का आयोजन किया जाएगा। प्रदर्शनी का उद्घाटन 19 नवंबर को होगा, और इसे पूरे सप्ताह, 24 नवंबर तक देखा जा सकेगा।
विश्व धरोहर सप्ताह के तहत आयोजित किए जाने वाले अन्य कार्यक्रमों में युवाओं और विद्यार्थियों के लिए विशेष प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता आयोजित की जाएगी। इसके माध्यम से वे अपनी धरोहर से संबंधित ज्ञान को बढ़ा सकते हैं। इसके साथ ही, एक चित्रकला प्रतियोगिता भी आयोजित की जाएगी, जहां प्रतिभागी अपनी कला के माध्यम से धरोहर की महत्ता को उजागर करेंगे।

विरासत यात्रा के माध्यम से भी इस सप्ताह के दौरान लोगों को विभिन्न धरोहर स्थलों की यात्रा का अनुभव कराया जाएगा, जिससे उन्हें हमारे सांस्कृतिक धरोहर की गहरी समझ हो सके।

निष्कर्ष:
राज्य संग्रहालय का यह आयोजन न केवल हमारी धरोहर की अनमोल धारा को प्रस्तुत करेगा, बल्कि यह युवाओं में सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर के प्रति जागरूकता और सम्मान भी उत्पन्न करेगा। हम सभी को अपनी धरोहर को जानने और उसे संरक्षित करने की दिशा में कदम उठाने की आवश्यकता है, ताकि यह भविष्य की पीढ़ियों तक सुरक्षित रह सके। बस इतना ही नहीं, सभी प्रतिभागियों को पुरस्कार एवं प्रमाण पत्र भी दिया जाएगा|

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