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रक्षा बंधन ये कहे

 

रक्षा बंधन प्रेम का, मनभावन त्यौहार।

जिससे भाई बहन में, नित बढ़े है प्यार।

 

बहनें मांगे ये वचन, कभी न जाना भूल।

भाई-बहना प्रेम के, महके हरदम फूल।।

 

रेशम की डोरी सजी, बहना की मनुहार।

रक्षा बंधन प्यार का, सुंदर है त्योहार।।

 

रक्षा बंधन प्यार का, निश्छल पावन पर्व।

करती बहने हैं सदा, निज भाई पर गर्व।।

 

भाई बहना प्रेम का, सालाना त्यौहार।

बांटे लाड दुलार की, खुशियां अपरम्पार।।

 

रक्षा बंधन पर करें, बहनें सारी नाज।

देखे भाई कीर्तियाँ, खुशियां झलके आज।।

 

करती बहने विनतियाँ, सौरभ ये हर साल।

आए कोई भी समय, भैया उनकी ढाल।।

 

रक्षा बंधन पर्व पर, मन की गांठे खोल।

भाई-बहन स्नेह से, कर दें घर अनमोल।।

 

रक्षा बंधन ये कहे, बात यही हर बार।

सच्चा पवन प्यार ये, झूठा जग का प्यार।।

-डॉ सत्यवान सौरभ

कवि,स्वतंत्र पत्रकार एवं स्तंभकार, आकाशवाणी एवं टीवी पेनालिस्ट,

333, परी वाटिका, कौशल्या भवन, बड़वा (सिवानी) भिवानी,

 हरियाणा – 127045, मोबाइल :9466526148,01255281381

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